ख़यालों में तिरा चेहरा नहीं था तुझे चाहूँ मैं ये अच्छा नहीं था निगाहें आसमाँ की मुझ पे क्यों हैं मिरा क़द तो यहाँ ऊँचा नहीं था गवाही दे के मैं मुजरिम बना हूँ मिरे लब का सफ़र झूटा नहीं था कहाँ ये मर्तबा है सब को हासिल मिरा जो इज्ज़ था सज्दा नहीं था नई ख़ुशबू नई आब-ओ-हवा है मैं अपनी क़ब्र में तन्हा नहीं था हमारा नाम क्या है कौन हैं हम तुम्हारे शहर से नाता नहीं था