ख़ुद-कुशी लगती है आसान यही होता है इश्क़ में आख़िरी नुक़सान यही होता है वक़्त के दुनिया के अपनों के बदल जाने पर इतना मत हो अभी हैरान यही होता है ज़िंदगी रोज़ नए मोड़ पे ले आती है इस क़दर मत हो परेशान यही होता है अपनी मिट्टी से मोहब्बत को करें साबित हम उन की तक़रीर का उन्वान यही होता है जागती आँखों से देखे गए ख़्वाबों के लिए ख़्वाहिशें होती हैं क़ुर्बान यही होता है हिज्र को भूल के सब काम में लग जाते हैं यही होता है मिरी मान यही होता है कुछ नए तजरबे उम्मीद नए डर दिल में हर सफ़र के लिए सामान यही होता है