किस ने इस दश्त में घर-बार लुटाना है मियाँ ऐसे वीराने को हम ने ही सजाना है मियाँ आप से किस ने कहा आप भी बारिश माँगें आप का काम फ़क़त आग लगाना है मियाँ इन भड़कते हुए जज़्बात पे क़ाबू रखिए हम ने इस्टेज पे कुछ और दिखाना है मियाँ दोस्ती होती तो फिर सब को बताते फिरते ये मोहब्बत है इसे सब से छुपाना है मियाँ न मुनाफ़िक़ हो न आती है ख़ुशामद तुम को तुम ने क्या ख़ाक यहाँ नाम कमाना है मियाँ आप से कौन करे बहस सर-ए-बज़्म-ए-रक़ीब आप ने हम पे ही इल्ज़ाम लगाना है मियाँ आओ सर रख लो बड़ा चैन मिलेगा 'फ़ैसल' ये तवाइफ़ का नहीं यार का शाना है मियाँ