किसे जाना अगर तुझ को न जाना By Ghazal << न कर दिल को दाग़ी गुल-ए-आ... करें हैं नौहा अबस देख दोस... >> किसे जाना अगर तुझ को न जाना तिरे बंदे हुए पर हो न जाना ब-रंग-ए-सब्ज़ा-ए-ख़्वाबीदा ग़ाफ़िल मुसाफ़िर है सर-ए-रह सो न जाना किसी के हाल पर क्या शम्अ रोए ग़ुबार अपने ही दिल का खो न जाना ख़ुदा जाने नशे में क्या बके हैं हमारी बात पर यारो न जाना Share on: