किसी की हर निशानी ख़त्म कर दी अधूरी इक कहानी ख़त्म कर दी अहम किरदार मैं लगने लगा जब मुसन्निफ़ ने कहानी ख़त्म कर दी तअ'ल्लुक़ में ज़रूरी गुफ़्तुगू थी तभी तो बे-ज़बानी ख़त्म कर दी चमन में बाग़बाँ की साज़िशों ने महकती रात-रानी ख़त्म कर दी जवानी को बचाने में मुसलसल भरी-पूरी जवानी ख़त्म कर दी