किसी किसी की तरफ़ देखता तो मैं भी हूँ बहुत बुरा नहीं इतना बुरा तो मैं भी हूँ ख़िराम-ए-उम्र तिरा काम पाएमाली है मगर ये देख तिरे ज़ेर-ए-पा तो मैं भी हूँ बहुत उदास हो दीवार-ओ-दर के जलने से मुझे भी ठीक से देखो जला तो मैं भी हूँ तलाश-ए-गुम-शुदगाँ में निकल चलूँ लेकिन ये सोचता हूँ कि खोया हुआ तो मैं भी हूँ मिरे लिए तो ये जो कुछ है वहम है लेकिन यक़ीं करो न करो वाहिमा तो मैं भी हूँ ज़मीं पे शोर जो इतना है सिर्फ़ शोर नहीं कि दरमियाँ में कहीं बोलता तो मैं भी हूँ अजब नहीं जो मुझी पर वो बात खुल जाए बराए नाम सही सोचता तो मैं भी हूँ मैं दूसरों के जहन्नम से भागता हूँ 'फ़रोग़' फ़रोग़ अपने लिए दूसरा तो मैं भी हूँ