किसी सूरज से हम को रम नहीं है हमारी ज़िंदगी शबनम नहीं है सरिश्क-ए-ग़म की हसरत छोड़ ग़ुंचे ये कोई क़तरा-ए-शबनम नहीं है सलामत नश्तर-ए-ग़म की सियासत मिरा दिल ख़ूगर-ए-मातम नहीं है जराहत-ख़ेज़ ये रंग-ए-तमन्ना ये इक नश्तर तो है मरहम नहीं है गुलो जबरन हँसो पी जाओ आँसू ये गुलशन है सफ़-ए-मातम नहीं है तलव्वुन और फिर दस्त-ए-जुनूँ का कोई ता'मीर मुस्तहकम नहीं है तुम्हारा ग़म बहर-सूरत है प्यारा हमें एहसास-ए-बेश-ओ-कम नहीं है मिरे ज़ख़्म-ए-जिगर नासूर बन जा तिरी तक़दीर का मरहम नहीं है निज़ाम-ए-अक़्ल की तक़दीर 'अफ़सर' मिज़ाज-ए-दिल अभी बरहम नहीं है