कोई छू जाता है कौन है ये ख़ुशबू कि हवा है कौन है ये ये तू जो नहीं तुझ सा सुंदर सर-ए-शाख़ खिला है कौन है ये मैं इतना जगमग कैसे हूँ ये किस की अदा है कौन है ये ये जो साँस की लय पे है रक़्स-कुनाँ तू है कि हवा है कौन है ये मंज़र मंज़र चहकार के जो मुझे खींच रहा है कौन है ये ये हार सिंघार सी साज सँवार गर तेरे सिवा है कौन है ये