कोई कहानी कोई वाक़िआ सुना तो सही अगर हँसा नहीं सकता मुझे रुला तो सही किसी के हिज्र का छल्ला किसी विसाल की छाप बिछड़ के मुझ से तुझे क्या मिला दिखा तो सही कभी बुला तो सही अपने आस्ताने पर मुझे भी अपना कोई मोजज़ा दिखा तो सही मैं ख़ूद से छुप के तुझे प्यार करने आऊँगा तू एक बार मुझे भूल कर बुला तो सही किसे ख़बर यहीं तेरा शिकार हो 'जावेद' तू चंद तीर अँधेरे में ही चला तो सही