कुछ सलीक़े से अगर चाक घुमाया जाता ऐन मुमकिन है कि शहकार बनाया जाता जाने वाले ने ग़लत फ़हमी में लौट आना था बे-ख़याली में भी गर हाथ हिलाया जाता इश्क़ मंसूर को ख़ुद दार तलक ले आया इस से पहले कि कोई हश्र उठाया जाता लौटने वाला इसी सोच में मर जाएगा काश ज़ंजीर को दो बार हिलाया जाता रंग भरने में मुसव्विर ने रिया-कारी की वर्ना तस्वीर को मंदिर में लगाया जाता इस में वहशत है अज़िय्यत है ज़बूँ-हाली है अब ये किरदार नहीं मुझ से निभाया जाता आप तो शक्ल से लगते हैं अदाकार मुझे आप जैसों को नहीं दोस्त बनाया जाता अव्वलीं ख़त को जला कर वो गुनहगार हुआ काश ताज़ीम से दरिया में बहाया जाता मैं ने बदली हैं रिवायात पुरानी वर्ना मैं भी 'फ़ैसल' किसी पटरी से उठाया जाता