कुछ ऐसा भी नहीं मेरा अकेले दिल नहीं लगता कोई जब साथ होता है सफ़र मुश्किल नहीं लगता तुम्हारे साथ होने का मिला ये फ़ाएदा मुझ को तुम्हारे साथ होता हूँ तो मैं जाहिल नहीं लगता ख़ुदा की बात करता है बिना ज़िक्र-ए-मोहब्बत के तू वाइज़ हो गया है पर अभी फ़ाज़िल नहीं लगता तुम्हारी मुस्कुराहट के लिए जीना ज़रूरी है वगर्ना ये जहाँ तो जीने के क़ाबिल नहीं लगता नदी के दो किनारों की तरह हम साथ तो हैं पर कभी साहिल के सीना से अजी साहिल नहीं लगता