कुछ लोग सिर्फ़ हम को सताने में रह गए और हम तअ'ल्लुक़ात निभाने में रह गए हम ने तो मुश्किलात में मंज़िल तलाश की इक वो है जो कि हम को गिराने में रह गए दिल तक किसी के जाना है पर जाएँ किस तरह जाना तो चाहते थे न जाने में रह गए अपने अतीत से किया समझौता न कभी कुछ यादगार पल भी भुलाने में रह गए हम ने तो दर्द की नई रचनाएँ लिख भी दीं कुछ लोग सिर्फ़ खाने कमाने में रह गए गर तू ख़ुदा नहीं है तो इतना घमंड क्यों हम उस को ये भी याद दिलाने में रह गए उस ने हमारे पाँव में ज़ंजीर डाल दी हम उस से सिर्फ़ हाथ मिलाने में रह गए जिन के लिए हवन में हुई सारी ज़िंदगी वो लोग बस मुझी को जलाने में रह गए कुछ और उन से हो न सका 'अंजना' तो फिर वो मुझ को अपना रो'ब दिखाने में रह गए