क्या बताएँ किधर गए हैं हम उन के दिल से उतर गए हैं हम छोड़ कर वो जहाँ गए हम को उस जगह पर ठहर गए हैं हम हिज्र काटा है इस क़दर हम ने अब मोहब्बत से डर गए हैं हम ग़लतियाँ आप की भी कुछ होंगी घर अगर छोड़ कर गए हैं हम चोट खाई थी एक बार मगर उम्र भर को बिखर गए हैं हम 'नूर' अब छोड़ दी मोहब्बत भी उन से कह दो सुधर गए हैं हम