क्या हुआ क्यों ये सुहानी बस्तियाँ बीमार हैं क्यों ये दिल के शहर ये आबादियाँ बीमार हैं एक मुद्दत से चमन में जाने पर-बस्ता हैं क्यों गुल ही कुछ बे-कैफ़ हैं या तितलियाँ बीमार हैं या कसाफ़त है हवा-ए-ताज़ा की तासीर में या हमारे घर के दर और खिड़कियाँ बीमार हैं ठहर ऐ शोर-ए-बहाराँ थम ज़रा हंगाम-ए-शौक़ एक मुद्दत से तिरे शैदा यहाँ बीमार हैं क्या पढ़े आयात-ए-कामिल बे-बसर है चश्म-ए-दिल क्या लिखेंगी इस्म-ए-आज़म उँगलियाँ बीमार हैं