क्या क्या न सहे हम ने सितम आप की ख़ातिर ये जान भी जाएगी सनम आप की ख़ातिर तड़पे हैं सदा अपनी क़सम आप की ख़ातिर निकलेगा किसी रोज़ ये दम आप की ख़ातिर इक आप जो मिल जाएँ तो मिल जाए ख़ुदाई मंज़ूर हैं दुनियाँ के अलम आप की ख़ातिर हम आप की तस्वीर निगाहों में छुपा कर जागा किए अक्सर शब-ए-ग़म आप की ख़ातिर लोगों ने हमें आप का दीवाना बताया ऐसे भी हुए हम पे करम आप की ख़ातिर हम राह-ए-वफ़ा से कभी पीछे न हटेंगे सुन लीजिए मिट जाएँगे हम आप की ख़ातिर