क्या पहनता बदन कफ़न के बाद ख़ाक है सब ये पैरहन के बाद जान दे सकते हैं तुम्हें भी हम जान लेकिन सुनो वतन के बाद मैं परेशान इतना हो न सका होता भी कितना पुर-शिकन के बाद क्या अजब तेज़ी ज़िंदगी में है चल रहा हूँ मैं पर बदन के बाद वस्ल कर हिज्र को गँवा दिया है जो मिला था बड़े जतन के बाद सर सभी ख़ूब हैं मगर उस की चूड़ियों की खनन खनन के बाद ये बदन फिर भी ख़ाक होना है रूह का क्या करें बदन के बाद