क्या पता था मसअला यूँ हल मिरा हो जाएगा कू-ए-जानाँ एक दिन मक़्तल मिरा हो जाएगा इस क़दर कुचला है सब ने ख़ूँ निकलने तक मुझे अब तो लगता है ये दिल दलदल मिरा हो जाएगा पहले केवल शक ही था पर इश्क़ कर के तय है ये नाम मरने वालों में अव्वल मिरा हो जाएगा जुस्तुजू में तेरी यूँ भटका हूँ सहरा में कि अब और दो पग चल दूँ तो जंगल मिरा हो जाएगा बहस में क्यों साथ तेरे वक़्त मैं ज़ाएअ' करूँ आज बे-शक है तिरा पर कल मिरा हो जाएगा मत नुमाइश हुस्न की करना 'सफ़र' के सामने ख़ुद ही वो कहता है मन चंचल मिरा हो जाएगा