क्यों मिली है सज़ा नहीं मालूम मुझ को अपनी ख़ता नहीं मालूम मैं समझता था बा-वफ़ा जिस को क्यों हुआ बेवफ़ा नहीं मालूम मुस्कुराहट है सब के चेहरे पर कौन रुस्वा हुआ नहीं मालूम माँ के क़दमों को गर नहीं चूमा तुम को जन्नत है क्या नहीं मालूम बाग़ में आज एक तितली ने फूल से क्या कहा नहीं मालूम हो गया है मरीज़-ए-इश्क़ 'अहमद' क्या है इस की दवा नहीं मालूम