लाख दिल पर जफ़ा करे कोई सामने तो रहा करे कोई लज़्ज़त-ए-ग़म में खो गया हूँ मैं अब न आए ख़ुदा करे कोई देखे फिर रंग अहल-ए-दुनिया के प्यार की इब्तिदा करे कोई मौत की ख़ुद हमें तमन्ना है ज़िंदगी की दुआ करे कोई इस क़दर ज़ुल्म सच ये है 'शाइर' मर न जाए तो क्या करे कोई