लोग आएँगे लोग जाएँगे नक़्श ही नक़्श को मिटाएँगे फूल काग़ज़ के भी महकते हैं तेरे छूने पे ये दिखाएँगे और हो जाएगा ये दिल तन्हा इस को जिस के क़रीब लाएँगे चाँद कोई छुपा नहीं सकता वो नज़र हर क़बा में आएँगे ये तो ठंडी हवा के झोंके हैं और हम को क़रीब लाएँगे