मैं अवाम में हूँ लेकिन नहीं ख़ू-ए-आमियाना न अमल ख़ुशामदाना न सुख़न ख़ुशामदाना तिरी और ज़िंदगी है मिरी और ज़िंदगी है मैं बुलंदियों का जूया तो असीर-ए-आशियाना मुझे रास ही न आई कभी नाक़िसों की सोहबत मिरे जिस्म-ए-ना-तवाँ में नहीं रूह-ए-ताजिराना मिरे ख़िज़्र के क़दम हैं मुझे मशअ'ल-ए-मनाज़िल मिरे दीदा-ए-तलब में है निगाह-ए-मुजरिमाना ग़म-ओ-रंज का छुपाना भी है कार-ए-ज़र्फ़ लेकिन है ख़ुशी को ज़ब्त करना रह-ओ-रस्म-ए-आक़िलाना तिरी तमकनत अगर है किसी दूसरे के बल पर ये चलन है बाग़ियाना ये क़दम है मुजरिमाना मुझे ख़िज़्र-ए-नौ की हाजत नहीं राह-ए-बंदगी में मिरे मस्लक-ए-वफ़ा में ये रविश है काफ़िराना