मैं भी तो समझूँ कि वो कहते हैं क्या मेरे बाद दिल तो लेना कभी तुम उन का ज़रा मेरे बाद अब वो क्या करते हैं कर सकते हैं क्या मेरे बाद मेरे बच्चों की ख़बर लेगा ख़ुदा मेरे बाद बेटी अल्लाह तुम्हें सब्र दे दाई तो चली किस को अब कह के पुकारूँगी बुआ मेरे बाद वो मिरी सौत थी सब जिस को समझते थे बहन किस को मालूम था ये हाल खुला मेरे बाद हर्ज ही क्या है बता दीजिए मुझ को भी ज़रा कुछ तो कहते थे चची जान चचा मेरे बाद मैं जो मर जाऊँ तो बच्चों पे न सख़्ती करना रखना आराम से होना न ख़फ़ा मेरे बाद और ननदों की तरह भी तो नहीं मैं भाबी तुम को भय्या से न करना था गिला मेरे बाद तुम सलामत रहो दुनिया में दुआ है ये मिरी बे-वफ़ा उम्र करे और वफ़ा मेरे बाद इस को क्या कहिए ये आ'माल हैं अपने अपने मुझ से पहले वो मरा दफ़्न हुआ मेरे बाद कल क़यामत को तुम्हें आ के करूँगी मैं सलाम न सही आज तो पाओगे सज़ा मेरे बाद याद आएगा बहुत तुम को ये खाना पीना फिर किसी शय में न पाओगे मज़ा मेरे बाद इतना करना इन्हें मैके मिरे पहूँचा देना सौत क्या रक्खेगी बच्चों को भला मेरे बाद मैं मुआ'फ़ी न अगर माँगने पाऊँ तुम से बख़्श देना मियाँ तुम मेरी ख़ता मेरे बाद इन को कुँबे में किसी से नहीं अब कोई ग़रज़ न वफ़ा बाक़ी है इन में न जफ़ा मेरे बाद जिस क़दर चाहे सता ले मुझे ये सौत मुई इस को भी आएगी इक रोज़ क़ज़ा मेरे बाद थाम कर अर्श ख़ुदा से मैं करूँगी फ़रियाद मेरे बच्चों पे जो तुम होगे ख़फ़ा मेरे बाद कभी दर से कभी दीवार से टकराएँगे सर ले के जब आएँगे वो घर में दवा मेरे बाद नब्ज़ तक मैं ने हकीमों को नहीं दिखलाई मुझ को मुँह ढाँक के रोएगी हया मेरे बाद कम नहीं आज भी गो क़द्र मिरी ऐ 'शैदा' नाम होगा मिरा इस से भी सिवा मेरे बाद