मंज़िल दिखा के राहरवी सौंप दी गई यानी कि ग़म मिला के ख़ुशी सौंप दी गई बनता ही जा रहा था अना का सवाल वो अच्छा हुआ जो उस की कमी सौंप दी गई बाद अज़ फ़िराक़ और ही मंज़र अयाँ हुए आँसू पिए तो ख़ूब हँसी सौंप दी गई दुनिया को मेरे दिल से चराग़ाँ किया गया हद है मुझी को तीरा-शबी सौंप दी गई ऐ यार देख वो तो बड़े ख़ुश-नसीब थे जिन की नज़र को दीद तिरी सौंप दी गई मेरे जुनूँ को दे के सफ़र कोह-ए-क़ाफ़ का इक और शख़्स को वो परी सौंप दी गई ये दूरियों की बात तो बच्चों सी बात थी जूँ ही जवान हो के पली सौंप दी गई दर्द-ए-शब-ए-फ़िराक़ सदा उन की ख़ैर हो जिन को पिला के तिश्ना-लबी सौंप दी गई हम लोग जो बड़ों के मुख़ालिफ़ थे इस लिए बे-फ़ैज़ दौर झूटी सदी सौंप दी गई ना-मुम्किनात में थी कोई चाहत-ए-निहाँ पढ़ने लगा जो नाद-ए-अली सौंप दी गई मेरी हयात जैसे किसी थल की गर्मियाँ उस बेवफ़ा को सैर मिरी सौंप दी गई 'ए'जाज़' कल दराज़ से निकले कई ख़ुतूत राहत सी एक दर्द-भरी सौंप दी गई