मत करो अब शबाब की बातें हो गईं सब ये ख़्वाब की बातें छे-निकाती से हम नहीं करते आसमानी किताब की बातें मैं भला कैसे भूल सकता हूँ याद हैं सब जनाब की बातें अक्स-ए-जल्वा कहाँ कहाँ ज़र्रा छोड़िए आफ़्ताब की बातें बाइ'स-ए-शर्म हैं 'ज़िया' साहब चेहरा-ए-बे-नक़ाब की बातें