फिर इक नई ख़लिश की शुरूआ'त हो गई दिल जिस से डर रहा था वही बात हो गई क्या मेरी उन की बात हुई ये न पूछिए अब क्या बताऊँ हो गई जो बात हो गई वो मुस्कुरा के एक नज़र मुझ को देख लें ये बात हो गई तो बड़ी बात हो गई हम रह-रवान-ए-शौक़ की मंज़िल न पूछिए दिन हो गया कहीं तो कहीं रात हो गई दामन जो तर हुआ तो 'ज़िया' यूँ लगा मुझे जैसे कोई घटा उठी बरसात हो गई