मायूस ज़िंदगी के सहारे चले गए ठुकरा के हम को दोस्त हमारे चले गए उम्मीद-ओ-आरज़ू की बहारों के साथ साथ गुलज़ार-ए-ज़िंदगी के नज़ारे चले गए हर मंज़िल-ए-हयात पे उन को किया तलाश हर राह में हम उन को पुकारे चले गए रौशन थी जिन से मेरी शब-ए-ज़िंदगी नदीम जाने कहाँ वो चाँद सितारे चले गए उस बेवफ़ा की याद के मिटते हुए नुक़ूश 'नय्यर' हम अपने दिल में उतारे चले गए