मेरे दिल का हसीं तू ही अरमान है तुझ पे ही ये दिल-ओ-जान क़ुर्बान है तुझ में रच-बस गई मेरी ये जान है तू तो भेजा हुआ रब का फ़रमान है तेरे बिन कोई हस्ती नहीं है मिरी तेरी क़ुर्बत मिरी जान-पहचान है तू मिरे वास्ते ही बनाया गया मुझ पे रब ने किया कितना एहसान है दिल की आँखों के नज़दीक रक्खा तुझे तू दु'आओं मुरादों का वरदान है दिलरुबा देख कर ये मोहब्बत मिरी मेरा सारा घराना परेशान है वो तो नूर-ए-नज़र दिल-नशीं है 'अनीस' जानते हो उसे इस्म अज़हान है