मेरे आईने में तुम सूरत-ए-ज़ेबा देखो तुम ने अब तक जो न देखा हो वो जल्वा देखो इक जहाँ दावत-ए-नज़्ज़ारा है क्या क्या देखो हुस्न-ए-दीदार-तलब का भी तमाशा देखो जागती आँखों के ख़्वाबों की भी ताबीरें हों ख़्वाब कल रात जो देखा था अधूरा देखो है वही मौला वही अपना वकील और नसीर तुम यहूद और नसारा का सहारा देखो कुर्रा-ए-अर्ज़ भी मेहवर से हटा जाता है बे-जहत हुस्न का इक ये भी तमाशा देखो सुर्मा-ए-शम्स-ओ-क़मर राहत-ए-चश्म-ए-नर्गिस दिल-ए-बीना से ही कैफ़िय्यत-ए-फ़र्दा देखो कहकशाँ लूट दी है हाथ बढ़ा कर हम ने अब ख़ला से भी परे जा के उजाला देखो हम ख़लाओं से भी अंगारे लपक लेते हैं किस जगह गिरता है टूटा हुआ तारा देखो नई दुनिया में नए चाँद सितारे लाओ 'क़ादरी' ने भी लगाया है ये शोशा देखो