मेरी आवाज़ के जादू का असर होता है जैसे तारीकी में जुगनू का सफ़र होता है मेरी चाहत के सफ़ीने से जुदा है साहिल जिस ने पाया है ज़माने से वही खोता है हम सितारों के नगर से कहीं आगे होंगे चाँद आँगन में मिरे साथ अभी सोता है उस के हाथों पे रखी तख़्ती में लिक्खा क्या है क्यों वो बच्चों की तरह अब भी बहुत रोता है