मेरी हस्ती हड्डी खाल मिट्टी डाल इस में मेरा कौन कमाल मिट्टी डाल बीज मिलेगा मिट्टी में तो देगा फल चल रे ओ धरती के ला'ल मिटी डाल मेरी बसीरत की रंगीनी और बढ़ा कर दे मेरी आँखें लाल मिट्टी डाल अव्वल तो कुछ कहा सुनी मत होने दे हो जाए तो हँस कर टाल मिट्टी डाल ख़ुद को गर पाना है तो निर-मोही बन सोने के अम्बार निकाल मिट्टी डाल इज़्ज़त शोहरत की वो सारी बातें छोड़ ख़त्म हुआ सारा जंजाल मिट्टी डाल इश्क़ में पागलपन से गुत्थी सुलझेगी इल्म-ओ-हिकमत पर फ़िलहाल मिट्टी डाल ख़ुद को सर पर लादे लादे फिरता था 'वासिफ़' तू भी है हम्माल मिट्टी डाल