मेरी हस्ती को मिटा कर देखो ख़ाक में ख़ाक मिला कर देखो आग में आग तो लग जाएगी आग पानी में लगा कर देखो वस्ल का शहद चखा है तुम ने हिज्र का ज़हर भी खा कर देखो संग कोई भी उठा लेता है आसमाँ सर पे उठा कर देखो मेरा दावा है भरेगा ही नहीं फूल का ज़ख़्म तो खा कर देखो दोनों आलम में न सर ख़म होगा सर नमाज़ों में झुका कर देखो ये भी मुमकिन है हवा हो जाए दर्द में दर्द मिला कर देखो धूप दहशत की चली जाएगी अम्न का पेड़ लगा कर देखो रोते रोते भी कभी हंस देना धूप में छाँव मिला कर देखो