मेरी वफ़ाएँ याद करोगे रोओगे फ़रियाद करोगे मुझ को तो बर्बाद किया है और किसे बर्बाद करोगे हम भी हँसेंगे तुम पर इक दिन तुम भी कभी फ़रियाद करोगे महफ़िल की महफ़िल है ग़मगीं किस किस का दिल शाद करोगे दुश्मन तक को भूल गए हो मुझ को तुम क्या याद करोगे जा कर भी नाशाद किया था आ कर भी नाशाद करोगे छोड़ो भी 'तासीर' की बातें कब तक उस को याद करोगे