मिरी आँखों को आँखों का किनारा कौन देगा समुंदर को समुंदर में सहारा कौन देगा मिरे चेहरे को चेहरा कब इनायत कर रहे हो तुम्हें मेरे सिवा चेहरा तुम्हारा कौन देगा मिरे दरिया ने अपने ही किनारे काट डाले बिफरते पानियों को अब सहारा कौन देगा बदन में एक सहरा जल रहा है बुझ रहा है मिरे दरियाओं को पहला इशारा कौन देगा मोहब्बत नीला मौसम बन के आ जाएगी इक दिन गुलाबी तितलियों को फिर सहारा कौन देगा