मिरी मुश्किल का हल नहीं मिलता फूल खिलते हैं फल नहीं मिलता चंद रोज़ा हयात दुनिया में चैन का एक फल नहीं मिलता जिन के दिल में हज़ार शिकवे हैं उन के माथे पे बल नहीं मिलता और सब कुछ है तेरी आँखों में एक सोज़-ए-ग़ज़ल नहीं मिलता इत्तिफ़ाक़न अगर बिछड़ जाए आदमी का बदल नहीं मिलता मेरा अपना मिज़ाज है 'ताबिश' राह ले अपनी चल नहीं मिलता