मोहब्बत में मिरी होगा असर आहिस्ता आहिस्ता हाँ तुम हो जाओगे मेरे मगर आहिस्ता आहिस्ता नक़ाब उस ने हटाई अपने चेहरे से ज़रा ऐसे कि बदली से निकलता हो क़मर आहिस्ता आहिस्ता भला कैसे बचें हम वार से उस के बताओ तुम ये झुक कर उठ रही है जो नज़र आहिस्ता आहिस्ता दबी चिंगारियाँ दिल की कुरेदो मत अदाओं से कहीं शो'ला न बन जाए शरर आहिस्ता आहिस्ता मैं हाल-ए-दिल बता तो दूँ मगर रुस्वाई का डर है इधर की बात होती है उधर आहिस्ता आहिस्ता हुआ 'ज़ुहैब' दीवाना किसी के इश्क़ में देखो गली-कूचों में फैलेगी ख़बर आहिस्ता आहिस्ता