मुझ पे इतना करम करे कोई By Ghazal << रुख़्सत हुई बहार नज़ारे च... मायूस अँधेरों से न ऐ दीदा... >> मुझ पे इतना करम करे कोई कुछ सुकूँ भी बहम करे कोई अपनी आँखों को नम करे कोई मेरे मरने का ग़म करे कोई दर्द सीने का कम करे कोई अपनी साँसों से दम करे कोई दिल में जलती है आतिश-ए-एहसास सुख की शबनम बहम करे कोई Share on: