मुझ को रुकना पड़ जाता है रस्ता छोटा पड़ जाता है मैं बहता दरिया हूँ लेकिन बीच में सहरा पड़ जाता है रौशन चेहरा ज़ुल्फ़ घनेरी सूरज काला पड़ जाता है दिल पर कोई क़र्ज़ न रखना सूद चुकाना पड़ जाता है रात बहुत तारीक अगर हो ख़्वाब जगाना पड़ जाता है दरवाज़े को बंद न रखना घर में जाला पड़ जाता है