मुसलसल चला रहगुज़र में रहा मिरा आब-ओ-दाना सफ़र में रहा मैं अपनी घुटन अपने दिल में लिए हमेशा हवा-दार घर में रहा नज़र से कई लोग गुज़रे मगर वही एक चेहरा नज़र में रहा मुझे भी ख़ुशी ढूँडने आई थी मगर उन दिनों मैं सफ़र में रहा किसी पर तवज्जोह किसी ने न दी मिरा ऐब सब की नज़र में रहा मुझे ख़ुद भी हैरत है इस बात पर सुकूँ से बहुत शोर-ओ-शर में रहा गुज़ारी है 'नज़मी' अजब ज़िंदगी मैं बाहर रहा हूँ न घर में रहा