न छोड़ ज़िद मगर इस को अना का नाम न दे ये एक बुत है तू बुत को ख़ुदा का नाम न दे गिला नहीं मुझे तेरी मुनाफ़िक़त का मगर मुनाफ़िक़त को ख़ुलूस-ए-वफ़ा का नाम न दे क़ुबूल तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ भी है हमें लेकिन तू इस सितम को हमारी रज़ा का नाम न दे इक आरज़ू है तअ'ल्लुक़ बहाल करने की इस आरज़ू को मिरी इल्तिजा का नाम न दे जो तेरे ज़ुल्म-ओ-सितम पर ख़मोश है 'अनवर' तो अपने ज़ुल्म-ओ-सितम को सज़ा का नाम न दे