न मिरा ज़ोर न बस अब क्या है ऐ गिरफ़्तार-ए-नफ़स अब क्या है मैं तिरे वास्ते आईना था अपनी सूरत को तरस अब क्या है दाने दाने पे उतर आए परिंद बंदा-ए-दाम-ए-हवस अब क्या है किस हवा में है तू ऐ अब्र-ए-करम अब बरस या न बरस अब क्या है रहा जब तक रहा सम्तों का ज़वाल आई आवाज़-ए-जरस अब क्या है