ना-आज़मूदा हर्फ़ थे बेहाल हो गए सर-ता-बा-पा नविश्ता-ए-आ'माल हो गए पहला वरक़ उलटने की मोहलत कहाँ मिली दो ही हुरूफ़ जान का जंजाल हो गए मिलना मिलाना शुक्र-ओ-शिकायत मोहब्बतें यारो वो अहद-ए-रफ़्ता के अहवाल हो गए निकला था लाल-पोश जज़ीरों की खोज में अब ये ख़बर भी आए कई साल हो गए बरताव मौसमों का बहुत मुंसिफ़ाना था रस्ते भी उन के साथ ही पामाल हो गए पीली हवा का ज़ोर अभी कुछ घटा नहीं उड़ते हुए वो आए थे बे-बाल हो गए वो जिस्म क्या थे बर्फ़ के पैकर तमाम थे मैं ने छुआ तो सा'इक़ा-तिमसाल हो गए