न तो जुस्तुजू-ए-दवा-ए-दिल न तो चारागर की तलाश है जो मज़ाक़-ए-ग़म से हो आश्ना मुझे उस नज़र की तलाश है मैं हूँ राह-रौ मैं हूँ कारवाँ मैं हूँ राहबर मैं हूँ राहज़न मिरे पेच-ओ-ख़म जो समझ सके मुझे उस ख़िज़र की तलाश है मैं अयाँ भी हूँ मैं निहाँ भी हूँ मैं कहाँ नहीं मैं कहीं नहीं जो बताए मुझ को मिरा पता मुझे उस ख़बर की तलाश है है ख़िरद से भी मुझे वास्ता हैं जुनूँ से भी मुझे निस्बतें जो इमाम-ए-मस्ती-ओ-होश हो उसी दीदा-वर की तलाश है मैं असीर-ए-ज़ौक़-ए-ख़िराम हूँ कभी सुब्ह हूँ कभी शाम हूँ जहाँ मंज़िलों का गुज़र न हो उसी रहगुज़र की तलाश है हैं ज़मीं पे मेरे क़दम मगर मिरी आसमान पे है नज़र मैं हूँ ताइर-ए-फ़लक-आशियाँ मुझे बाल-ओ-पर की तलाश है मिली दैर-ओ-का'बा की सर-ज़मीं ये जबीं कहीं भी झुकी नहीं मैं 'शफ़ीक़' तुझ को बताऊँ क्या मुझे किस के दर की तलाश है