नहीं काम आती मोहब्बत किसी की By Ghazal << पाक बातिन का क्या करे कोई न हो पहलू में जब दिल ज़िं... >> नहीं काम आती मोहब्बत किसी की न आए किसी पर तबीअत किसी की कोई क्या करे गर्दिश-ए-आसमाँ को हमें कब गवारा है ज़िल्लत किसी की बड़ी ये बला है मोहब्बत ख़ुदाया न आए किसी पर तबीअत किसी की ये कहते न थे तुम से पहले ही 'सैफ़ी' नहीं काम आती मोहब्बत किसी की Share on: