नाला-ए-दिल निकल न जाए कहीं शान-ए-हस्ती बदल न जाए कहीं सर-ए-बालीं वो कर गए एहसाँ मरने वला सँभल न जाए कहीं फ़ौक़ पर भी नज़र ज़रूरी है तहत में दिल बहल न जाए कहीं हैं बहुत अहल-ए-शौक़ सफ़-बस्ता हुस्न का वार चल न जाए कहीं हो इधर भी निगाह पीर-ए-मुग़ाँ साअ'त-ए-फ़ैज़ टल न जाए कहीं हो जहाँ में ही सर किसी सूरत फ़िक्र-ए-अह्द-ए-अज़ल न जाए कहीं रहिए साबित-क़दम गुनाह सही राएगाँ हर अमल न जाए कहीं मुस्तक़िल होश चाहिए 'साक़ी' आज की बात कल न जाए कहीं