नए मंज़र सराबों के मिरी आँखों में भर देना अगर मंज़िल नज़र आए मुझे गुमराह कर देना मुझे ये कश्मकश ये शोर-ओ-गुल सैराब करते हैं मिरी कश्ती को दरिया और दरिया को भँवर देना मिरी आवारगी ही मेरे होने की अलामत है मुझे फिर इस सफ़र के ब'अद भी कोई सफ़र देना मिरी पर्वाज़ की हसरत यक़ीनन ज़ोर मारेगी अगर उड़ने लगूँ तो मिरे बाल-ओ-पर कतर देना सुना है दश्त में आगे बहुत तारीक है रस्ता मिरे रख़्त-ए-सफ़र में चाँद या ख़ुर्शीद धर देना बुझा देना ज़रा पहले दिया मेरी समाअत का कभी मेरी रिहाई की मुझे जब तुम ख़बर देना जुदा करना मिरे इस ख़्वाब से तुम दफ़अतन मुझ को जुदाई की मुझे घड़ियाँ ख़ुदाया मुख़्तसर देना