नज़र भर कर वो क्या तुझ को दिल-ए-दिल-गीर देखेंगे वो जब देखेंगे अपने हुस्न की तस्वीर देखेंगे बड़ी हसरत से तुझ को आसमान-ए-पीर देखेंगे गिरफ़्तारी हमारी हम जो बे-तक़सीर देखेंगे मआल-ए-हसरत-ए-नाकामी-ए-दिल सामने होगा किताब-ए-इश्क़ में जब इश्क़ की तफ़्सीर देखेंगे अगर चश्म-ए-करम-परवर से देखें रो पड़ें फ़ौरन हमारी ख़स्ता-हाली की अगर तस्वीर देखेंगे रहेगा पा-ए-वहशत-आश्ना इक ख़्वाब की सूरत बड़ी हसरत से जब वो ख़ाना-ए-ज़ंजीर देखेंगे निगाहों में किसी का हुस्न-ए-आलमगीर ही होगा हवस दस्त-ए-ज़ुलेख़ा की जो दामन-गीर देखेंगे