निराले निराले से ख़्वाबों का मौसम जवानी का आलम सराबों का मौसम गुलाबी गुलाबी सहाबों का मौसम नहीं रहता हर दम गुलाबों का मौसम मसर्रत की घड़ियाँ नहीं टिक सकीं जब बदल कर रहेगा अज़ाबों का मौसम अज़ीज़ो ये ख़ार-ए-गुलिस्ताँ हैं शाहिद ज़रूर आएगा फिर गुलाबों का मौसम फ़क़त मौसमी है ये जोश-ए-जवानी कि बारिश में जैसे हबाबों का मौसम ग़ज़ब ढा रहा है ये शौक़-ए-नुमाइश क़यामत है ये बे-हिजाबों का मौसम गुज़र जाएँ दिन काश हँसते हँसाते किसे रास आया इताबों का मौसम कमा लीजिए चाहे जितनी भलाई बुढ़ापा है 'नामी' सवाबों का मौसम