नियाज़-ओ-इज्ज़ मुझे नाज़-ए-संग-ए-दर से मिला ब-क़द्र-ए-ज़र्फ़ मिला जो तिरी नज़र से मिला तलाश-ए-मंज़िल-ए-मक़्सूद राएगाँ न गई निशान-ए-जादा-ए-मंज़िल रह-ए-ख़तर से मिला तिरे ख़याल-ओ-तसव्वुर की शोख़ियों की क़सम ख़िरद को जामा-ए-वहशत तिरी नज़र से मिला सुपुर्द-ए-बर्क़-ओ-शरर कर के आशियान-ए-वफ़ा पयाम-ए-सोज़-ए-तमन्ना तिरी नज़र से मिला बिसात-ए-दहर उलट दी निगाह-ए-उल्फ़त ने कोई इशारा जहाँ चश्म-ए-मो'तबर से मिला जहान-ए-ऐश-ओ-मसर्रत पे मुस्कराउँगा ग़म-ए-ज़माना जो मुझ को तिरी नज़र से मिला हद-ए-यक़ीं में तो अब आ गए हो ऐ 'माहिर' ख़बर है हुस्न-ए-तकल्लुम ये किस के दर से मिला