नुमाइश-ए-रुख़-ए-रंगीन-ए-यार रहने दे मुझे न छेड़ गुल-ए-नौ-बहार रहने दे असीर-ए-पंजा-ए-गेसू-ए-यार रहने दे मिरे नसीब मुझे बे-क़रार रहने दे फ़रेब-ख़ुर्दा-ए-रंग-ए-बहार रहने दे जो दाग़-दार है दिल दाग़-दार रहने दे अभी न होश में ला ऐ मिरे नसीब ठहर करम-नुमाई-ए-दामान-ए-यार रहने दे अभी जवान हैं वो ऐ ग़ुरूर-ए-हुस्न बता समंद-ए-नाज़ पे उन को सवार रहने दे उठा न अब मुझे उठ उठ के मेरे दर्द-ए-जिगर पड़ा हुआ हूँ सर-ए-कू-ए-यार रहने दे ख़िराम-ए-नाज़ के सदक़े तिरे ओ मस्त-ए-शबाब मिटे हुओं के निशान-ए-मज़ार रहने दे कुछ उन के दिल पे असर हो चला है ऐ ग़म-ए-इश्क़ मिरी मिज़ा को अभी अश्क-बार रहने दे तिरी वफ़ाएँ भी तो बे-हिसाब हैं 'अह्मर' किसी के ज़ुल्म-ओ-सितम का शुमार रहने दे