पाबंद-ए-रस्म-ओ-रिवायत हैं आईन-ए-मोहब्बत क्या जानें सज्दे असनाम को करते हैं ये औज-ए-इबादत क्या जानें जम्अ'-ओ-तफ़रीक़ में ग़लताँ हैं तक़्सीम-ओ-ज़र्ब से पेचाँ हैं ये शौकत-ए-ईमाँ क्या जानें ये शान-ए-हमीय्यत क्या जानें ये शैख़ है ये मौलाना है ये ज़ाहिद है ये सूफ़ी है ये हज़-ए-रिफ़ाक़त क्या जानें ये नश्शा-ए-सोहबत क्या जानें या होश-ओ-हवास की बातें हैं या फ़िक्र-ओ-ख़िरद की घातें हैं मजनूँ की रियाज़त क्या जानें फ़रहाद की जुरअत क्या जानें क़िस्मत में नहीं शब-बेदारी बे-बहरा गिर्या-ओ-ज़ारी है ये अफ़्व की रहमत क्या जानें ये जूद की अज़्मत क्या जानें